Fri. Mar 31st, 2023
Seat Belt
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Seat Belt: कर मै बैठे सभी लोगों के लिए सीट बेल्टअनिवार्य ,नहीं तो बजता रहेगा अलर्ट साउंड

अगली सीट पर बैठे यात्री के लिए सीट बेल्ट (Seat Belt) लगाना 1993 में ही अनिवार्य कर दिया गया था। सरकार ने अक्टूबर 2002 में पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के लिए भी सीट बेल्ट (Rear Seat Belt) लगाना जरूरी कर दिया था। लेकिन लोग इसका सही से पालन नहीं करते है। साइरस मिस्त्री हादसे (Cyrus Mistry accident) ने इसकी जरूरत को उजागर कर दिया है।

Seat Belt: कर मै बैठे सभी लोगों के लिए सीट बेल्टअनिवार्य ,नहीं तो बजता रहेगा अलर्ट साउंड

सीट बेल्ट :

कारों की पिछली सीटों पर बैठे लोग भी अगर सीटबेल्ट नहीं लगाते है तो अलर्ट साउंड बजने लगेगा। अब तक अगली सीटों पर सीटबेल्ट नहीं लगाने पर ही अलर्ट साउंड बजा करता था। अगर ड्राइव और उसके साथ वाली सीट पर बैठे यात्री सीटबेल्ट लगा लेते हैं तो अलर्ट साउंड बंद हो जाता है।लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा।

सरकार यह सुनिश्चित करने जा रही है कि पिछली सीटों पर भी अगर कोई सीट बेल्ट नहीं लगता है तो अलर्ट साउंड बजता रहेगा, भले ही अगली दोनों सीटों के लोग सीटबेल्ट ही क्यों ना लगा ले। दरअसल, वाहनों में सीट बेल्ट के इस्तेमाल को लेकर सरकार सख्त हो गई है। यूं तो पहले से ही यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है लेकिन अब इसे सख्ती से लागू करने की तैयारी का मन बनाया जा रहा है।

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रोड सेफ्टी के लिए सरकार की सख्ती :

इसी के तहत, कार में पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के लिए जल्दी ही सीटबेल्ट अलर्ट (Seatbelt Alert) की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। रोड सेफ्टी को बढ़ाने के लिए यह उपाय किया जा रहा है। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्टर नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने मंगलवार को यह बात कही। टाटा संस (Tata Sons) के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की रविवार को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। यह हादसा महाराष्ट्र के पालघर जिले में नेशनल हाइवे (National Highway) पर हुआ था। इसके बाद ही सरकार ने पिछली सीट पर बैठे लोगों के लिए सीटबेल्ट अलर्ट की व्यवस्था शुरू करने का फैसला लिया है।

Seat Belt क्यों है जरूरी:

गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि साइरस के एक्सीडेंट के कारण सरकार ने पीछे बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट अलर्ट शुरू करने का फैसला किया है। अगर पीछे बैठे यात्रियों ने सीट बेल्ट नहीं पहनी तो अलर्ट की आवाज आएगी। ड्राइवर और अगली सीट पर बैठे व्यक्ति ने सीट बेल्ट नहीं लगाई तो इसके लिए फाइन का प्रॉविजन है। लेकिन पीछे बैठे यात्रियों को भी सीट बेल्ट नहीं लगाने पर फाइन देना होगा। यह सभी कारों के लिए लागू होगा। गडकरी ने कहा कि इस बारे में तीन दिन में नोटिफिकेशन जारी होगा। कार में सभी यात्रियों के लिए सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य होगा।

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2002 में ही बना दिया था अनिवार्य
साइरस मिस्त्री पिछली सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी। मिस्त्री के साथ हुए हादसे ने एक बार फिर देश में सड़कों की बदहाली को उजागर कर दिया है। साथ ही यह बात भी एक बार साबित हो गई कि पिछली सीट पर बैठे लोगों के लिए बेल्ट नहीं लगाना कितना खतरनाक हो सकता है। ड्राइवर और अगली सीट पर बैठे यात्री के लिए सीट बेल्ट लगाना 1993 में ही अनिवार्य कर दिया गया था।

सरकार ने अक्टूबर 2002 को पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के लिए भी सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया था। लेकिन इसका सही से पालन नहीं होता है। 2019 में सरकार ने सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया था लेकिन इससे भी स्थिति नहीं सुधरी।

Seat Belt: कर मै बैठे सभी लोगों के लिए सीट बेल्टअनिवार्य ,नहीं तो बजता रहेगा अलर्ट साउंड
वर्ल्ड बैंक (World Bank) के मुताबिक दुनिया में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा लोग भारत में मारे जाते हैं। कोरोना महामारी से पहले देश में हर चार मिनट में एक भयानक सड़क हादसा होता था। भारत में दुनिया की सिर्फ एक फीसदी गाड़ियां हैं लेकिन सड़क हादसों में दुनिया में होने वाली कुल मौतों में 11 फीसदी भारत में होती हैं। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोड नेटवर्क भारत में है। यह 58.9 लाख किमी लंबा है। लेकिन घटिया निर्माण और खराब मेंटनेंस के कारण अधिकांश सड़कों की बुरी हालत है।
हर घंटे 18 से ज्यादा लोगों  की मौत

सड़कों की बदहाली के अलावा लापरवाही से गाड़ी चलाना भी दुर्घटना का मुख्य कारण है। आंकड़ों के मुताबिक देश में सड़क दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह ओवर स्पीडिंग यानी तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना है। 2021 में 59.7 फीसदी दुर्घटनाएं ओवर-स्पीडिंग के कारण हुई। इनमें 87,050 लोगों की मौत हुई और 2.28 लाख लोग घायल हुए। पिछले साल देश में 4.03 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 3.71 लाख लोग घायल हुए थे।
जानकारों का कहना है कि गाड़ियों की रफ्तार पर लगाम लगाने की जरूरत है। साथ ही पिछली सीट पर बैठ यात्रियों के लिए सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होना चाहिए। इसके अलावा सड़कों को इस तरह डिजाइन किया जाना चाहिए जिससे हादसों को टाला जा सके। सीट बेल्ट से जुड़े नियमों को नहीं मानने से न केवल जान जोखिम में पड़ सकती है बल्कि दुर्घटना की स्थिति में मुआवजे भी कम मिल सकता है। सीट बेल्ट नहीं लगाना नियमों का उल्लंघन है और ऐसे में मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल कम मुआवजा दे सकते हैं।


कितना है जुर्माना

हालांकि, कानूनी तौर पर पिछली सीट पर बैठने वाले यात्रियों के लिए सीट बेल्ट न पहनने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। यह अलग बात है कि मोटर वाहन अधिनियम के नियम 138(तीन) के तहत किए गए इस प्रावधान के बारे में या तो लोगों को जानकारी ही नहीं है या फिर वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं।

इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के मानद अध्यक्ष के. के. कपिला का कहना है कि पीछे बैठने वालों के बीच सीट बेल्ट पहनने की प्रवृत्ति बहुत कम पाई जाती है। बड़े शहरों और महानगरों में यह काफी कम है। छोटे शहरों में तो यह अनुपात लगभग शून्य है। पुलिस की शुरुआती जांच में ऐसे संकेत मिले हैं कि हादसे के समय साइरस मिस्त्री और उनके साथ पिछली सीट पर मौजूद जहांगीर पंडोले ने सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थी। इसके अलावा तेज रफ्तार होने और चालक के गलत अनुमान लगाने से भी कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई।

सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए सरकार वाहनों में सुरक्षा प्रावधानों को सख्त करने की कोशिश में लगी हुई है। अब सरकार वाहन विनिर्माताओं के लिए कम-से-कम छह एयरबैग देना जरूरी करने का प्रावधान भी करना चाहती है। आठ यात्रियों वाले वाहनों में छह एयरबैग का प्रावधान अक्टूबर से लागू किया जा सकता है। एयरबैग किसी भी वाहन में लगा एक प्रतिरोधक सुरक्षा उपकरण होता है जो हादसे के समय अचानक खुल जाता है और यात्रियों को सीधी टक्कर से बचा लेता है।

By Nishant