रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलावार को अग्निपथ से पर्दा हटा दिया. उन्होंने कहा कि रक्षा पर कैबिनेट कमेटी ने एक ऐतिहासिक फ़ैसला लिया है.
रक्षा मंत्री ने कहा, ”आज हम ‘अग्निपथ’ नामक एक परिवर्तनकारी योजना ला रहे हैं, जो हमारी सशस्त्र बलों में बदलाव लाकर उन्हें और आधुनिक बनाएगी.”
रक्षा मंत्री ने कहा, ”अग्निपथ’ योजना में भारतीय युवाओं को, बतौर ‘अग्निवीर’ सशस्त्र बलों में सेवा का अवसर प्रदान किया जाएगा. यह योजना देश की सुरक्षा को मज़बूत करने और हमारे युवाओं को सैन्य सेवा का अवसर देने के लिए लाई गई है.
हम सब इस बात से ज़रूर पूर्णतया सहमत होंगे कि संपूर्ण राष्ट्र, ख़ास तौर पर हमारे युवा सेना को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं. अपने जीवन काल में कभी न कभी प्रत्येक बच्चा सेना की वर्दी धारण करने की तमन्ना रखता है.”
Indian Army Agnipath Scheme: भारतीय सेनाओं में 4 साल के लिए सैनिकों की भर्ती वाली ‘अग्निपथ’ स्कीम का ऐलान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं की विश्व की बेहतरीन सेना बनाने के लिए रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने एक बड़ा फैसला लिया है.
हम अग्निपथ योजना ला रहे हैं. इससे भारतीय युवाओं को ‘अग्निवीर’ के तौर पर देश सेवा का मौका दिया जाएगा. इससे देश की सुरक्षा मजबूत होगी और युवाओं को रोजगार का बेहतरीन अवसर मिलेगा. देश का हर युवा जीवन में सेना की भर्ती का सपना देखता है. इस अग्निपथ योजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और युवाओं को अन्य क्षेत्रों में जाने के भी अच्छे अवसर मिलेंगे.


यही नहीं सेनाओं को भी हाई स्किल रिसोर्स मिल सकेगा. अग्निवीरों के लिए एक अच्छा पे-पैकेज मिलेगा. इसके अलावा एग्जिट के वक्त अच्छी रकम दी जाएगी. इस स्कीम को समझाते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि इस स्कीम से सेनाओं के पास युवा शक्ति होगी.
इससे स्वास्थ्य और फिटनेस का लेवल और बेहतर हो सकेगा. फिलहाल भारत की सेनाओं की औसत आयु 32 वर्ष है. इस स्कीम के लागू होने से यह 24 से 26 वर्ष ही रह जाएगी. यही नहीं सेनाओं को हाई स्किल रिसोर्स भी मिल सकेगा. अग्निवीरों के लिए एक अच्छा पे-पैकेज मिलेगा. इसके अलावा एग्जिट के वक्त अच्छी रकम दी जाएगी.
शहादत पर अग्निवीर के परिवार को मिलेंगे 1 करोड़ रुपये
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि यदि अग्निवीर सेवा के दौरान सर्वोच्च बलिदान देता है तो उसके परिवार को करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी. इसके अलावा दिव्यांग होने की स्थिति में 48 लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की जाएगी.
कितना होगा मासिक वेतन और क्या होगी रैंक, समझें
अग्निपथ मॉडल के तहत सेना में (PBOR) रैंक से नीचे के अधिकारियों की भर्ती की जाएगी. अधिकारियों ने जानकारी दी है कि 4 साल की सेवा में 6 महीने की ट्रेनिंग अवधि भी शामिल है. अग्निपथ के जरिए सेना का हिस्सा बने सैनिकों को प्रति माह 30 हजार से 40 हजार रुपये तक सैलरी मिलेगी.